CAB या CAA का विरोध कितना राष्ट्रीय और कितना राजनैतिक। आप नागरिक हैं या नही ??

आइये इस नागरिकता कानून को समझने से हमे यह जानना आवश्यक है कि क्या हर कोई जो भारत मे रहता है, क्या भारत का नागरिक नहीं हैं ?

कानून के अनुसार आप भारत के नागरिक 5 तरह से हो सकते हैं :

पहला है कि जन्म से, यदि आपका जन्म भारत में हुआ है तो आप भारत के नागरिक माने जाते हैं ।

दूसरा है कि वंश से, यदि आपके माता पिता इस देश के है तो भी आपको यहाँ का नागरिक मान लिया जाएगा ।

तीसरा है कि पंजीकरण से, यदि आप किसी भी देश से आए हैं और आप भारत देश की नागरिकता लेना चाहते हैं तो आप पर्याप्त दस्तावेज़ दे कर आवेदन कर सकते हैं । उसके लिए आपके पास पर्याप्त प्रमाण होने चाहिए और इसके लिए आप सरकार से आवेदन कर सकते हैं । सरकार का गृह मंत्रालय आपके दस्तावेज़ों की जांच करके आपकी नागरिकता दे सकता है ।

चौथा है प्रकृतिकरण, इस के तहत यदि आप यदि आप इस देश में 11 वर्ष से अधिक समय से रह रहे है तो आप इस देश के नागरिक माने जा सकते है। परंतु उसके लिए आपके पास पर्याप्त प्रमाण होने चाहिए ।

पाँचवाँ है अधिग्रहण, यदि भारत देश किसी भी अन्य देश का अधिग्रहण करता है तो उस देश के नागरिक इस विधि से भारत के नागरिक माने जाते हैं ।

इन सभी नियमों के अंतर्गत एक निश्चित प्रक्रिया है जिसके लिए आप आवेदन कर सकते हैं । यह पुराना नियम ही है । नए नियम के अंतर्गत मात्र इतना है कि आसपास के मुस्लिम बहुल क्षेत्र, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांगला देश से यदि धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हो कर भारत में आ गए है तो उनके लिए कुछ छूट दी गयी है । अब मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक उत्पीड़न केवल उनका होगा जो मुस्लिम नहीं है । इसके लिए सरकार ने हिन्दू, जैन, सिक्ख, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म वालों का नाम दे दिया है और यह स्पष्ट माना गया है कि इनहि के ऊपर धार्मिक प्रताड़णा मुस्लिम बहुल देशों में हो सकती है । इन 6 समुदायों या जातियों को पहले भी नागरिकता दी जाती थी पर तब समय अधिक लगता था। अब इनको प्रावधानों मे कुछ समय सीमा में छूट दी गयी है । दस्तावेज़ों में कोई छूट नहीं है ।

अब आप दूसरी महत्वपूर्ण बात समझें कि इसकी आवश्यकता क्यों है ? दरअसल इस देश में बहुत से घुसपैठिए बाहर के देशों से इस देश में किसी नकारात्मक काम को अंजाम देने भी आते हैं । अब क्योंकि अभी तक इस देश में भारतीय नागरिक पंजीकरण के दस्तावेज़ नहीं है तो सरकार या गृह मंत्रालय के लिए किसी असामाजिक घटना होने के बाद ऐसे तत्वों को पहचानना कठिन हो जाता है । किसी भी अन्य विकसित देश में इसकी किसी न किसी रूप में व्यवस्था होती है ।

अब आपके पास आधार या अन्य दस्तावेज़ हो सकते है परंतु सरकार के पास हर व्यक्ति की सूची नहीं है । आपके देश में ऐसे करोड़ो लोग है जिनके बारे में सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है । अब इस का लाभ उठा कर असामाजिक तत्व अपना काम करके देश को अस्थिर बनाने के षड्यंत्र करते रहते हैं ।

यदि आप इन ऊपर लिखे पांचों नागरिकता के आधारों को पूरा नहीं करते तो आप इस देश को छोड कर जा सकते हैं । अब प्रश्न यह कि अन्य देशों मे क्या है ? अन्य देशों में प्रवासी उस देश मे काम करके उस देश को कर प्रदान करके उस देश की सुविधाओं का लाभ उठाता है । जबकि घुसपैठिए इस देश में बिना कर दिये सुविधाओं का लाभ उठाते है और भारत के राजस्व में सकारात्मक योग दान नहीं करते । आप यह कह सकते है कि जिन्होने किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठाया, उनसे क्या परेशानी है ? तो इस पर आप समझें कि सड़क, पानी,   बिजली इत्यादि की व्यवस्था में सरकार का जो खर्च होता है वह करदाता के कर से होता है ।

अब आइये उनकी बात करें जो आज इस पर यह प्रश्न उठा रहे है कि इतने वर्षों से यहाँ रहते है तो अब कौन सा प्रमाण पत्र लाएँ । जो मुस्लिम भाई लोग पाकिस्तान के समय यहाँ से नहीं गए, वह यहाँ के स्थायी नागरिक तो हैं ही, पर जो समय समय पर विदेशों से आए हैं और उन्होने अभी तक नागरिकता के लिए आवेदन नहीं दिया है। पहले तो उन्होने गलत ही किया है पर अब भी इसे दुरुस्त करने का उपाय कर सकते हैं । डरना तो मात्र घुसपैठीयों  को चाहिए ओ न तो नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं और न ही मुख्य धारा मे आना चाहते हैं । ऐसे ही लोगों को विभिन्न राजनैतिक दल अपना वोट बैंक मान कर उनके उनका उपयोग करते हैं ।

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