LESS THAN 85 PERCENTILE ACCEPT the REALITY and work for solution instead LIVING in DREAMS

प्रिय विद्यार्थियों और अभिभावकों

 गतांक से आगे

पिछले  लेख में हमने यह चर्चा करी थी यदि आपके 95 परसेंटाइल से अधिक है तो आपको किस प्रकार से अपनी आगे बढ़ाना है । इस लेख में अब मैं आपसे यह बात करना चाहता हूं, यदि आपके 85 परसेंटाइल से कम अंक है क्या करना है ? मेरा यह लिख यथार्थवादी है और मैं अपने विद्यार्थियों को किसी भी भ्रम में नहीं रखना चाहता । कुछ बातें ऐसी हैं जो मैं आपसे बताऊंगा जो शायद आपको अधिकांश कोचिंग संस्थान नहीं बताएंगे । और उसका मुख्य कारण यह है कोचिंग का व्यापार इससे प्रभावित होता है । आपको शायद मालूम होगा के कोचिंग के अध्यापक और स्कूल के अध्यापक के खर्चे में दो से तीन गुना का अंतर है । कोई भी कोचिंग संस्थान संपूर्ण सत्य बता करके कम से कम इस व्यापारिक जगत में तो नहीं चल सकता ।

जानिए अभी कहाँ है

आइए अब आगे सोचे जब आपके पास 95 परसेंटाइल है तो पढ़ने का एक रास्ता है, परंतु यदि आप 85 परसेंटाइल काम पर हैं तो आपको कुछ बिंदुओं पर विचार करना आवश्यक है । सबसे पहले तो आप यह देखें कि आपकी आवश्यक यानी एवरेज 85 परसेंटाइल यदि है तो क्या हर विषय में आपके इतने ही हैं । यदि एक विशेष से की परसेंटाइल कम हुई है और शेष 2 में आपकी तैयारी ठीक है तो आपको अपने कमजोर विषय पर काम करना है । परंतु यदि आपके तीनों विषयों में लगभग 85 परसेंटाइल ही है तो आपके लिए यह शुभ समाचार नहीं है, यदि आप इंजीनियरिंग में दाखिला लेना चाहते हैं तो ।

 

कितने अंक आए हैं

आइए अब इस बात को समझें, आप यह जाने के 85 परसेंट का अर्थ होता है लगभग 55 से 60 अंकों को प्राप्त करना और इस बार आपका यह परीक्षा 300 अंको की थी । इसका मतलब आप लगभग 20% अंक ही प्राप्त कर पाए हैं । चलिए यह तो रही आपकी अंको की गणना, परंतु यह भी सत्य है एक विद्यार्थी ने पूरे 300 अंक भी प्राप्त किए हैं । अब आप यह समझे कि 85 परसेंटाइल का अर्थ किसी भी स्थिति में ऊपर के 120000 विद्यार्थियों से नीचे ही है ।

आपको यह ज्ञात होना चाहिए किस संपूर्ण आईआईटी में लगभग 13000 विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता है और एनआईटी में लगभग 24000 विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता है । इसका अर्थ यह हुआ इस परीक्षा के माध्यम से कुल मिलाकर के लगभग 37000 विद्यार्थियों का चयन होता है । यदि इसमें आरक्षण को जोड़ दिया जाए, तो सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी के लिए लगभग 18000 सीट ही है ।

शीर्ष से कितना  नीचे  हैं

परसेंटाइल के मुताबिक आप ऊपर के एक लाख विद्यार्थियों में भी नहीं आए हैं और आप यह समझे कि आप 18000 विद्यार्थियों में आ जाएंगे, यह एक सामान्य बात नहीं है । इसका अर्थ यह नहीं है कि यह उपलब्धि नहीं प्राप्त की जा सकती, परंतु इसकी प्रायिकता बहुत कम है । अर्थात आपको लगभग 7 विद्यार्थियों में से एक में निकलना है । यदि आप सामान्य पूरे देश की आवश्यक निकाले तो 12 लाख  विद्यार्थी और सामान्य स्थिति में 12 हजार सीटें, 1200000 का 1% होता है 12000, अर्थात आपको शीर्षस्थ 1. 5  प्रतिशत में होना है मतलब अगर आपके आसपास के  विद्यार्थी भौतिकी शास्त्र, रसायन शास्त्र और गणित की पढ़ाई करते हैं उनमें से आपको शीर्ष स्थिति पर होना है ।

देश के परिवेश में

यह तब है यदि हम भारत की औसत निकाले, तो  इसका प्रतिशत कोटा इत्यादि स्थानों पर शीर्ष के 5% में हो जाएगा और शेष भारत में 1% से भी कम हो जाएगा । अब आप कल्पना कर सकते हैं कि यदि 85 परसेंटाइल आपके आए हैं, तो यथार्थवाद में आपको किसी भी एनआईटी अथवा आईआईटी में प्रवेश नहीं मिल सकता । परंतु यदि आप इंजीनियरिंग ही करना चाहते हैं, और किसी निजी क्षेत्र में जाने को तैयार हैं तो आप समझ में नहीं भारत में जितने विद्यार्थी जेईई देते हैं इतनी सीटें पूरे देश में हैं ।

अलबत्ता यह बात अवश्य है इंजीनियरिंग कॉलेजेस से आपको डिग्री मिल जाएगी परंतु आपकी गिनती अच्छे इंजीनियर में नहीं होगी । ऐसी स्थिति में आप कोई ना कोई और लाइन चुनेंगे और उसमें जाएंगे, तो क्या यह बेहतर नहीं है अभी से उस विषय में सोचना शुरू कर दें । मैं बहुत से विद्यार्थियों को जानता हूं जिनको कोचिंग संस्थानों में बहुत अच्छे अंक दिए जाते हैं और वह जब इस परीक्षा को देने के लिए आए उनके अंक बहुत कम हो गए । यदि वह दोबारा कोचिंग संस्थान से पूछेंगे अल्पविराम तो कोचिंग संस्थान उनको कुछ छात्रवृत्ति देकर अपने पास दुबारा एक वर्ष पढ़ाने को तैयार हो जाएंगे ।

उनको भी पता है कि अगले वर्ष यदि आप आई आईटी में जा पाएंगे तो आपकी उनकी छप जाएगी उनका व्यापार बढ़ेगा, अधिक उनका आपसे कोई लेना-देना इसलिए इस बात को समझिए दूसरी बात यह भी समझ लीजिए आईटी कोई जिंदगी की समाप्ति नहीं है, जीवन का हर सफल व्यक्ति आई आईटी पढ़ा हुआ नहीं है । इसमें कोई शक नहीं है आई आईटी इंजीनियरिंग संस्थानों में सर्वश्रेष्ठ है । लेकिन मात्र यह ही जीवन का लक्ष्य है यह भी सत्य नहीं है । अपने आपको टटोली, पहचानिए और आगे बढ़िए है आपके पास बहुत रास्ते खुले हैं यदि मुझसे कुछ सहायता चाहिए आप मुझे संपर्क कर सकते हैं ।

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